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RBI ने रद्द किया इस बैंक का लाइसेंस, जानिये ग्राहकों को कितना पैसा मिलेगा वापस – RBI Action

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RBI Action: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) समय-समय पर आम जनता के हितों की सुरक्षा के लिए सख्त फैसले लेता रहता है। हाल ही में, एक बार फिर आरबीआई ने एक बड़ा कदम उठाते हुए पूर्वांचल सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और आय की संभावनाएं नहीं थीं। अगर आपका इस बैंक में खाता है, तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आइए जानें कि आरबीआई के इस निर्णय का ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा और उनके पैसे की सुरक्षा के लिए क्या प्रावधान हैं।

क्यों रद्द किया गया पूर्वांचल सहकारी बैंक का लाइसेंस?

आरबीआई ने पूर्वांचल सहकारी बैंक का लाइसेंस इसलिए रद्द कर दिया क्योंकि बैंक की वित्तीय स्थिति कमजोर हो गई थी। आरबीआई ने स्पष्ट किया कि बैंक के पास न तो पर्याप्त पूंजी थी और न ही आय की कोई मजबूत संभावना थी। ऐसे में, बैंक को जारी रखना जनहित में उचित नहीं था। इस कारण से, आरबीआई ने राज्य के सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को निर्देश दिया है कि वे बैंक को बंद करें और परिसमापक (liquidator) नियुक्त करें।

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ग्राहकों का पैसा सुरक्षित है या नहीं?

पूर्वांचल सहकारी बैंक में पैसा जमा करने वाले ग्राहकों के लिए यह चिंता का विषय है कि उनका पैसा सुरक्षित है या नहीं। आरबीआई ने इस मामले में स्पष्टता दी है कि लिक्विडेशन की प्रक्रिया के दौरान, प्रत्येक जमाकर्ता 5 लाख रुपये तक की अपनी जमा राशि जमा बीमा और लोन गारंटी निगम (DICGC) के माध्यम से प्राप्त कर सकेगा। आंकड़ों के अनुसार, 99.51 प्रतिशत जमाकर्ता अपनी पूरी राशि पाने के लिए योग्य हैं। हालांकि, बैंक की वर्तमान वित्तीय स्थिति के कारण सभी जमाकर्ताओं को उनकी पूरी जमा राशि देने में कठिनाई हो सकती है।

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आरबीआई की कार्रवाई का प्रभाव

पूर्वांचल सहकारी बैंक के लाइसेंस रद्द करने का सीधा प्रभाव ग्राहकों पर पड़ेगा। जिनके खाते में 5 लाख रुपये से अधिक राशि जमा है, उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, आरबीआई ने कहा है कि DICGC के तहत 5 लाख रुपये तक की राशि की सुरक्षा दी जाएगी। इस निर्णय का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कमजोर वित्तीय स्थिति वाले बैंकों से जनहित की सुरक्षा की जाए और वित्तीय स्थिरता बनी रहे।

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अन्य बैंकों पर भी हुई कार्रवाई

पूर्वांचल सहकारी बैंक के अलावा, आरबीआई ने हाल ही में दो निजी क्षेत्र के बड़े बैंकों – यस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक पर भी कार्रवाई की थी। इन बैंकों पर केंद्रीय बैंक के नियमों के उल्लंघन के चलते जुर्माना लगाया गया। यस बैंक पर 91 लाख रुपये का और आईसीआईसीआई बैंक पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। ये जुर्माने इसलिए लगाए गए क्योंकि इन बैंकों ने आरबीआई के कई दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया था।

क्यों लगा यस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक पर जुर्माना?

आरबीआई के अनुसार, यस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक ने कुछ महत्वपूर्ण नियमों का उल्लंघन किया। यस बैंक पर कस्टमर सर्विस और इंटरनल एंड ऑफिस अकाउंट्स से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन न करने का आरोप था। यस बैंक ने बिना पर्याप्त बैलेंस के कई अकाउंट से चार्ज वसूला, जो कि आरबीआई के नियमों का उल्लंघन है। इसके अलावा, यस बैंक ने इंटरनल अकाउंट्स का उपयोग अवैध उद्देश्यों के लिए किया था, जिसके कारण उस पर 91 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।

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आईसीआईसीआई बैंक ने भी कुछ दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया, जिसके कारण उस पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। इन उल्लंघनों में इंटरनल अकाउंट्स का गलत इस्तेमाल और कस्टमर सर्विस से जुड़े नियमों का पालन न करना शामिल था।

ग्राहकों को ध्यान में रखने योग्य बातें

आरबीआई की इन कार्रवाइयों का उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली को सुरक्षित और पारदर्शी बनाना है। बैंकों को यह सुनिश्चित करना होता है कि वे नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करें ताकि ग्राहकों के हित सुरक्षित रह सकें। इस प्रकार की कार्रवाइयों से यह स्पष्ट होता है कि आरबीआई जनहित की रक्षा के लिए बैंकों पर कड़ी नजर रखता है और समय-समय पर सख्त कदम उठाने से भी नहीं हिचकता।

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क्या सीखें ग्राहक?

1. अपनी जमा राशि की सुरक्षा जांचें: यह महत्वपूर्ण है कि ग्राहकों को पता हो कि उनका पैसा किस बैंक में सुरक्षित है। अगर बैंक की वित्तीय स्थिति कमजोर हो रही है, तो ग्राहकों को सतर्क हो जाना चाहिए।

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2. बैंकिंग नियमों का पालन करें: ग्राहकों को अपने बैंक खाते की निगरानी करनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि बैंकिंग लेनदेन पूरी तरह से सही हो। यदि बैंक द्वारा किसी भी नियम का उल्लंघन होता है, तो ग्राहक को शिकायत दर्ज करने का अधिकार है।

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3. बैंक की वित्तीय स्थिति पर नजर रखें: यदि बैंक की वित्तीय स्थिति कमजोर है या उस पर कोई कार्रवाई की गई है, तो ग्राहकों को सतर्क रहना चाहिए और समय पर निर्णय लेना चाहिए।

भारतीय रिजर्व बैंक के निर्णय से यह स्पष्ट है कि वह वित्तीय स्थिरता बनाए रखने और आम जनता के हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। पूर्वांचल सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द करना एक बड़ा कदम था, जो बैंक की कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण लिया गया। यस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक पर लगाए गए जुर्माने से यह स्पष्ट होता है कि केंद्रीय बैंक किसी भी तरह के नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई करने के लिए तैयार है। इन कार्रवाइयों का उद्देश्य बैंकों को अपने दायित्वों के प्रति अधिक जिम्मेदार बनाना है और यह सुनिश्चित करना है कि ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा सुनिश्चित हो।

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ग्राहकों को चाहिए कि वे अपने बैंकिंग संबंधों में सतर्क रहें और किसी भी अनियमितता के मामले में तुरंत कार्रवाई करें। एक सुरक्षित और पारदर्शी बैंकिंग प्रणाली के लिए यह आवश्यक है कि ग्राहक और बैंक दोनों ही अपने-अपने कर्तव्यों का पालन करें।

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