PM Kisan 18th Installment: पीएम किसान सम्मान निधि योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे वर्ष 2019 में तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल द्वारा अंतरिम बजट में घोषित किया गया था। यह योजना पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित है और इसका मुख्य उद्देश्य देश के किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
वर्तमान स्थिति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में तीसरी बार प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद 17वीं किस्त को मंजूरी दी। अब तक इस योजना के तहत सफलतापूर्वक 17 किस्तें किसानों के खातों में भेजी जा चुकी हैं। किसान अब 18वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
18वीं किस्त की संभावित तिथि
विभिन्न रिपोर्ट्स के अनुसार, 18वीं किस्त का वितरण निम्नलिखित समय में हो सकता है:
- सितंबर 2024
- अक्टूबर 2024
- नवंबर 2024 (कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार)
हालांकि, अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
योजना के प्रमुख प्रावधान
इस योजना के तहत किसानों को मिलने वाली सहायता का विवरण:
- प्रति वर्ष कुल 6,000 रुपये की राशि
- तीन किस्तों में वितरण (प्रति किस्त 2,000 रुपये)
- हर चार महीने में एक किस्त
- सीधे बैंक खाते में DBT के माध्यम से हस्तांतरण
भविष्य की संभावनाएं
सरकार ने योजना के पांच साल पूरे होने के बाद इसका मूल्यांकन करने का निर्णय लिया है। इस मूल्यांकन का उद्देश्य योजना के प्रभाव को समझना और किसानों की आर्थिक स्थिति पर इसके असर का आकलन करना है। इस मूल्यांकन के बाद किस्त की राशि में बढ़ोतरी की संभावना है।
योजना का प्रभाव
इस योजना ने किसानों की जिंदगी पर सकारात्मक प्रभाव डाला है:
- खेती की लागत में मदद
- आर्थिक सुरक्षा में वृद्धि
- कृषि उपकरणों की खरीद में सहायता
- समय पर बीज और उर्वरक की खरीद में सहायता
भविष्य की योजनाएं
सरकार योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई कदम उठा रही है:
- योजना का व्यापक मूल्यांकन
- किसानों की वित्तीय जरूरतों का अध्ययन
- प्रभावशीलता में सुधार के लिए सुझाव
- राशि में संभावित वृद्धि पर विचार
पीएम किसान सम्मान निधि योजना किसानों के लिए एक वरदान साबित हुई है। यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही है, बल्कि कृषि क्षेत्र के समग्र विकास में भी योगदान दे रही है। सरकार द्वारा किया जा रहा मूल्यांकन और संभावित बढ़ोतरी इस योजना को भविष्य में और अधिक प्रभावी बनाएगी, जिससे देश के किसानों को और अधिक लाभ मिलेगा।