राजस्थान सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और बीपीएल श्रेणी के परिवारों के तहत घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी प्रदान करके जरूरतमंद परिवारों को आर्थिक सहायता देने की पहल की है। इस योजना के तहत गरीब और वंचित वर्ग की महिलाओं को किफायती दरों पर गैस सिलेंडर उपलब्ध करवाकर उनके जीवन स्तर को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।
जोधपुर और आस-पास के क्षेत्रों में सब्सिडी का विस्तार
जोधपुर, जोधपुर ग्रामीण, और फलोदी जिले के 5 लाख परिवारों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके तहत घरेलू गैस सिलेंडर केवल 450 रुपये में उपलब्ध होगा। यह सुविधा विशेष रूप से उन परिवारों के लिए है जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत राशन के गेहूं प्राप्त करते हैं।
पहले यह लाभ केवल उज्ज्वला योजना और बीपीएल श्रेणी के परिवारों तक सीमित था। लेकिन 2024-25 के बजट में मुख्यमंत्री ने इस योजना का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया, ताकि अधिक परिवारों को इसका लाभ मिल सके। वर्तमान में जोधपुर जिले में करीब 1.50 लाख परिवार इस सुविधा का पहले से ही लाभ उठा रहे हैं।
राशन की दुकानों पर एलपीजी सीडिंग का कार्य
योजना के लाभार्थियों तक गैस सिलेंडर की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए जिले की 1300 राशन की दुकानों पर एलपीजी सीडिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। यह सीडिंग प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि केवल पात्र परिवारों को ही सब्सिडी मिले।
- अब तक की प्रगति: अभी तक 20 प्रतिशत सीडिंग पूरी हो चुकी है।
- अंतिम तिथि: एलपीजी सीडिंग की अंतिम तिथि 30 नवंबर निर्धारित की गई है।
इस प्रक्रिया को समय पर पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने विशेष प्रयास किए हैं ताकि कोई भी पात्र परिवार योजना से वंचित न रहे।
पोस मशीन और नेटवर्क समस्या
राशन की दुकानों पर सीडिंग के लिए नई और उन्नत पोस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनें प्रदान की गई हैं। हालांकि, इन मशीनों के संचालन में नेटवर्क संबंधी समस्याएं आ रही हैं।
- सिग्नल की समस्या: नई पोस मशीनें अत्यधिक अपडेटेड हैं, लेकिन कई बार सिग्नल गायब होने के कारण इनका संचालन बाधित होता है।
- कामकाज पर प्रभाव: नेटवर्क की कमी के चलते राशन डीलर्स और लाभार्थी दोनों परेशान हो रहे हैं। कभी-कभी सिग्नल की समस्या दो घंटे तक बनी रहती है, जिससे राशन और एलपीजी सीडिंग का काम बाधित हो जाता है।
राशन डीलर्स का कहना है कि सिग्नल समस्या के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि लाभार्थियों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
योजना के तहत पात्रता
इस योजना का लाभ केवल उन्हीं परिवारों को मिलेगा जो:
- उज्ज्वला योजना के तहत पंजीकृत हैं।
- बीपीएल श्रेणी में आते हैं।
- एनएफएसए के तहत राशन प्राप्त करते हैं।
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि एलपीजी सीडिंग के बिना राशन वितरण संभव नहीं होगा। यह कदम योजना के दुरुपयोग को रोकने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
महिलाओं के सशक्तिकरण में योगदान
इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना है। रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी से न केवल परिवार की रसोई का खर्च कम होगा, बल्कि महिलाओं को स्वच्छ और स्वास्थ्यकर कुकिंग सुविधाएं भी मिलेंगी।
- धुएं से छुटकारा: लकड़ी या अन्य पारंपरिक ईंधन के स्थान पर एलपीजी के उपयोग से घरों में धुएं की समस्या कम होगी।
- समय और श्रम की बचत: महिलाओं को खाना पकाने में लगने वाले समय और मेहनत से राहत मिलेगी।
सरकार की पहल और बजट घोषणा
राज्य सरकार की 2024-25 की बजट घोषणा में इस योजना को और विस्तारित करने की बात कही गई थी। इसका उद्देश्य है कि हर पात्र परिवार को किफायती दरों पर एलपीजी सिलेंडर मिले।
- आर्थिक सहायता: 450 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध करवाने से गरीब परिवारों के मासिक बजट पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
- सामाजिक समावेश: इस योजना ने समाज के वंचित वर्ग को मुख्यधारा में जोड़ने का काम किया है।
जनता की प्रतिक्रिया और चुनौतियां
योजना को लेकर जनता के बीच सकारात्मक प्रतिक्रिया है। लेकिन पोस मशीन और नेटवर्क की समस्या ने कार्यान्वयन को थोड़ा चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
- लोगों की उम्मीदें: योजना से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल और सुगम बनाने की उम्मीद की जा रही है।
- सरकार का प्रयास: राज्य सरकार और प्रशासन इन चुनौतियों से निपटने के लिए सक्रिय कदम उठा रहे हैं।
रसोई गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना ने राजस्थान के लाखों परिवारों को राहत दी है। यह पहल न केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए मददगार साबित हो रही है, बल्कि महिलाओं के सशक्तिकरण और पर्यावरण के अनुकूल स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। हालांकि, नेटवर्क और सीडिंग से जुड़ी चुनौतियों को दूर करने की आवश्यकता है। सरकार के प्रयासों और जनता के सहयोग से यह योजना और अधिक प्रभावी बन सकती है।